राम पे जब जब विपदा आई,
कौन बना रखवाला,
तर्ज – धरती सुनहरी अम्बर नीला।
राम पे जब जब विपदा आई,
कौन बना रखवाला,
मेरा बजरंग बाला, मेरा बजरंग बाला,
मात सिया को राम प्रभु से,
कौन मिलाने वाला,
मेरा बजरंग बाला, मेरा बजरंग बाला।।
जितने भी काम थे मुश्किल,
बजरंग के हिस्से आये,
हनुमत के सिवा कोई भी,
सागर को लांघ न पाए,
रावण की सोने की लंका,
रावण की सोने की लंका,
कौन जलने वाला,
मेरा बजरंग बाला, मेरा बजरंग बाला।।
शक्ति लागि लक्ष्मण को,
और मूर्छा भारी छायी
धरती पे देख लखन को,
और रोने लगे रघुराई,
संजीवन लाकर के लखन को,
संजीवन लाकर के लखन को,
कौन जिलाने वाला,
मेरा बजरंग बाला, मेरा बजरंग बाला।।
जो हनुमान न होते,
ना होती राम कहानी,
श्री राम प्रभु की महिमा,
घर घर न जाती बखानी,
कहे पवन भक्ति का डंका,
कहे ‘पवन’ भक्ति का डंका,
कौन बजाने वाला,
मेरा बजरंग बाला, मेरा बजरंग बाला।।
विभीषण ताना मारे,
बजरंगी सह ना पाए,
भक्ति किसको कहते है,
यह सबको ज्ञान कराये,
भरी सभा में चिर के सिना,
भरी सभा में चिर के सिना,
कौन दिखने वाला,
मेरा बजरंग बाला, मेरा बजरंग बाला।।
राम पे जब जब विपदा आयी,
कौन बना रखवाला,
मेरा बजरंग बाला, मेरा बजरंग बाला,
मात सिया को राम प्रभु से,
कौन मिलाने वाला,
मेरा बजरंग बाला, मेरा बजरंग बाला।।
बहुत अच्छा
जय श्री राम
Jai shree Ram