रामापीरा रो घोड़लियो,
बाबा रूणिचा में जावे,
रूणिचा में जावे रे बाबा,
रूणिचा में जावे,
रामापीरा रो घोड़लियों,
बाबा रूणिचा में जावे।।
घणा रे यात्री बाबा थारे,
पैदल-पैदल आवे,
हाथा में ध्वजा लहरावे,
बोले जय जय कारो,
रामापीरा रो घोड़लियों,
बाबा रूणिचा में जावे।।
भादूड़ा री दूज पे बाबा,
मेलो लागे भारी,
लाखो ही दूनिया आवे बाबा,
ढो़के छ नर नारी,
रामापीरा रो घोड़लियों,
बाबा रूणिचा में जावे।।
पिता वाके अजमाल जी,
मेढ़ा दे रो लालो,
रूणिचा में धाम पूजावे,
डाली सूगना बाई रो बीरो,
रामापीरा रो घोड़लियों,
बाबा रूणिचा में जावे।।
लूला-पगढा आन्धा आवे,
बाबा कोढिया रा कोढ मिटावे,
रामा-सागर सरवर भरिया,
जामे नावे दूख कट जावे,
रामापीरा रो घोड़लियों,
बाबा रूणिचा में जावे।।
सूरज भारती भजन बणायो,
बाबा चरणा मे शिश नवायो,
बिच भँवर में फसी नैया ने,
आप ही पार लगावो,
रामापीरा रो घोड़लियों,
बाबा रूणिचा में जावे।।
रामापीरा रो घोड़लियो,
बाबा रूणिचा में जावे,
रूणिचा में जावे रे बाबा,
रूणिचा में जावे,
रामापीरा रो घोड़लियों,
बाबा रूणिचा में जावे।।
सिंगर – सूरज भारती बाराँ(राज.)
9610634442