आतो खेड़ा वाली नगरी,
माने घणी रूपाली लग री,
आतो खेडा वाली नगरी,
माने घणी रूपाली लग री,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दर्शन देवे,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दुख हर लेवे।।
फेपसिंह ने सपना माई,
बाबो दर्श दिखावे,
मिन्दर मारो बनवानो है,
बाबो यु फरमावे,
बाबो मार्ग यु बतलावे,
बाबो ब्राह्मण रूप धरावे,
बाबो मार्ग यु बतलावे,
बाबो ब्राह्मण रूप धरावे,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दर्शन देवे,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दुख हर लेवे।।
जयपुरीया सु मूरत लेने,
आवे खेडा माई,
रामदेव परचा दिखलावे,
आंगन पग दे माई,
घोडो त्रिशूल डाली बाई,
पगल्या निकल्या थाली माई,
घोडो त्रिशूल डाली बाई,
पगल्या निकल्या थाली माई,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दर्शन देवे,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दुख हर लेवे।।
सांझ सवेरे होवे आरती,
हरदम ज्योता जागे,
दर्शन करिया राम धणी रा,
भाग पुरबला जागे,
बाबो मेटे कष्ट बिमारी,
आवे विनती सुनी भगतारी,
बाबो मेटे कष्ट बिमारी,
आवे विनती सुनी भगतारी,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दर्शन देवे,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दुख हर लेवे।।
बांजनीया ने बेटा देवे,
बाबो गोद भरावे,
भीड़ पडी जद आवे हेले,
लीले चढने आवे,
बाबो बिगड्या काम बनावे,
भगता ने पार लगावे,
बाबो बिगड्या काम बनावे,
भगता ने पार लगावे,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दर्शन देवे,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दुख हर लेवे।।
आतो खेड़ा वाली नगरी,
माने घणी रूपाली लग री,
आतो खेडा वाली नगरी,
माने घणी रूपाली लग री,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दर्शन देवे,
रामदेव परचा देवे,
पीरजी दुख हर लेवे।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818