रमते रावल ने म्हारा,
आदेश देणा,
अरे रमतें रावल ने म्हारा,
आदेश देणा हां हां,
जद शिवरु जद भेला हेलो,
जद शिवरु जद भेला हेलो,
रमतें रावल ने म्हारा,
आदेश देणा।।
नदी रे किनारे अबदु,
अमली उगी हां हां,
पेड़ कदम मछली खायो हेलो,
रमतें रावल ने म्हारा,
आदेश देणा।।
भाखर खुड़के अबदु,
हिरणी ब्याही हां हां,
पाँच पिरगला लाई हेलो,
रमतें रावल ने म्हारा,
आदेश देणा।।
शुचियो शिंकारी अबदु,
वनखंड चाल्यो,
पाँच मिरगला मारया हेलो,
रमतें रावल ने म्हारा,
आदेश देणा।।
भैंस ब्याणी अबदु,
खुंटो दुजे,
माखण विरले खायो हेलो,
रमतें रावल ने म्हारा,
आदेश देणा।।
गुरु शरणे जती मच्छेंदर,
गोरख बोले हे हे,
जिण खोज्या उण पाया हेलो,
रमतें रावल ने म्हारा,
आदेश देणा।।
रमते रावल ने म्हारा,
आदेश देणा,
अरे रमतें रावल ने म्हारा,
आदेश देणा हां हां,
जद शिवरु जद भेला हेलो,
जद शिवरु जद भेला हेलो,
रमतें रावल ने म्हारा,
आदेश देणा।।
गायक – अशोक गिरी गोस्वामी हाथीतला।
प्रेषक – रामाराम सैन।