थारो बीरा रंग मोए रंग मिल जाय,
गुणा री जोड़ी नही ओ मिले,
थारो भिरा रंग मोए रंगेओ मिलजाय,
लखना री जोड़ी नाही ओ मिले।।
हंशा भुग्ला एक भरेम रा,
बैठे एकन्न तीर,
अरे रामजी बेटे एकन तीर,
अरे हनशा तो मोती चुगेरे,
ये भुगिलाई मंछलियो घटकई,
लखना री जोड़ी नाही ओ मिले।।
कोयल कागा एक भरम रा,
बेटे एकन्न डाल,
कड़वा बोले कागलीयो,
ये कड़वो बोले कागलयो,
ये कोयल मिठा शब्द सुनाई,
भिरा शब्द सुनाई,
गुणा री जोड़ी नाही ओ मिले।।
हल्दी केसर एक ही रंगरी,
बीके एकन हाट,
हल्दी केसर एक भरण रीे,
बीके एकन हाट,
हल्दी तो सागा में पडसी,
अरे केसर तिलक लगाई,
गुणा री जोड़ी नाही ओ मिले।।
काहे कबीर सा सुनो भाई संतो,
तेपद है निर्वाण,
अरे रामजी तेपद है निर्वाण,
इन पदा री करे खोजना,
वही चतुर सुजान,
गुणा री जोड़ी नाही ओ मिले।।
थारो बीरा रंग मोए रंग मिल जाय,
गुणा री जोड़ी नही ओ मिले,
थारो भिरा रंग मोए रंगेओ मिलजय,
लखना री जोड़ी नाही ओ मिले।।
गायक – महेंद्र जी बोयल।
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