हे रसना जपले सुबह श्याम,
राधा जू का पावन नाम,
राधा राधा जपते जपते,
राधा राधा जपते जपते,
मिल जाएंगे श्याम,
हे रसना जपलें सुबह श्याम,
राधा जू का पावन नाम।।
तर्ज – कन्हैया ले चल परली पार।
राधा नाम को मन में बसा ले,
राधा नाम रसना से गा ले,
सांसों की सरगम से निकले,
सांसों की सरगम से निकले,
राधा जू का नाम,
हे रसना जपलें सुबह श्याम,
राधा जू का पावन नाम।।
कृपामयी सुखकारी है राधा,
कृष्ण भी जपते राधा श्री राधा,
राधा जू का नाम है जपता,
राधा जू का नाम है जपता,
सारा ही बृजधाम,
हे रसना जपलें सुबह श्याम,
राधा जू का पावन नाम।।
जिसने भी राधा को आराधा,
जीवन की सब मिटती बाधा,
खुशियों से दामन भर जाए,
खुशियों से दामन भर जाए,
मिटते कष्ट तमाम,
हे रसना जपलें सुबह श्याम,
राधा जू का पावन नाम।।
राधा नाम बसे जिस मन में,
रोग शोक ना हो जीवन में,
युगल छवि की महिमा,
युगल छवि की महिमा,
‘श्याम’ गाएजा निष्काम,
हे रसना जपलें सुबह श्याम,
राधा जू का पावन नाम।।
हे रसना जपले सुबह श्याम,
राधा जू का पावन नाम,
राधा राधा जपते जपते,
राधा राधा जपते जपते,
मिल जाएंगे श्याम,
हे रसना जपलें सुबह श्याम,
राधा जू का पावन नाम।।
भाव एवम स्वर – घनश्याम मिढ़ा।
भिवानी (हरियाणा) 9034121523