वृंदावन ले चाल सांवरा,
मण्डफीया में ले चाल,
रथड़ो धिमे धिमे हांको,
सांवरा वृंदावन ले चाल।।
रथडो मारो रंग रंगीलो,
पहीया चकरी दार,
बेठण वाली राधिका जी,
हांके नंद जी रो लाल,
रथडो धिमे धिमे हांको,
सांवरा वृंदावन ले चाल।।
वृंदावन की कुंज गली में,
कानो रास रचाय,
खेलन वाली राधिका जी,
देखें नंद जी रो लाल,
रथडो धिमे धिमे हांको,
सांवरा वृंदावन ले चाल।।
वृंदावन रा पहाड़ में,
बेठो कालों नाग,
राधा जी के गला लीपटगयो,
छुड़ावें नंद जी रो लाल,
रथडो धिमे धिमे हांको,
सांवरा वृंदावन ले चाल।।
चांद सरीखा चांवल रादीयां,
सोना सरीखी की दाल,
रादन वाली राधिका जी,
जीमे नंद जी रो लाल,
रथडो धिमे धिमे हांको,
सांवरा वृंदावन ले चाल।।
चन्द्र सखी री वीनती रे,
सुणजो सीरजनहार,
शरणे आया री लाज राखजो,
रखो नंद जी रा लाल,
रथडो धिमे धिमे हांको,
सांवरा वृंदावन ले चाल।।
वृंदावन ले चाल सांवरा,
मण्डफीया में ले चाल,
रथड़ो धिमे धिमे हांको,
सांवरा वृंदावन ले चाल।।
गायक – सुखदेव जी भारती।
प्रेषक – प्रदीप मेहता झाडोल।