रहमत बरस रही है,
बाबा तेरी नज़र से।
दोहा – तेरी रहमत का है बोझ इतना,
जिसे मैं उठाने के काबिल नहीं हूँ,
मैं आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ,
तेरी चौखट पे आने के काबिल नहीं हूँ।
रहमत बरस रही है,
बाबा तेरी नज़र से,
ये श्रष्टि पल रही है,
बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही हैं,
बाबा तेरी नज़र से।।
तेरे हुकुम से बाबा,
सूरज निकल रहा है,
तेरे हुकुम से खाटूवाले,
सूरज निकल रहा है,
हर शाम ढल रही है,
बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही हैं,
बाबा तेरी नज़र से।।
तुमसे ही चाँद तारे,
तुमसे गगन सितारे,
तुमसे ही चाँद तारे,
तुमसे गगन सितारे,
ये हवाएं बह रही है,
बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही हैं,
बाबा तेरी नज़र से।।
दरिया दया का तुम हो,
खुशियों का तुम चमन हो,
दरिया दया का तुम हो,
खुशियों का तुम चमन हो,
करुणा निकल रही है,
बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही हैं,
बाबा तेरी नज़र से।।
‘ब्राह्मण’ का है ये कहना,
बस इतना ध्यान देना,
‘ब्राह्मण’ का है ये कहना,
बस इतना ध्यान देना,
मेरी नाव चल रही है,
बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही हैं,
बाबा तेरी नज़र से।।
रहमत बरस रही हैं,
बाबा तेरी नज़र से,
ये श्रष्टि पल रही है,
बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही हैं,
बाबा तेरी नज़र से।।
Singer – Akhilesh Dadhich