सुनो साँवरे अगर ना,
मेरा काम होगा,
रींगस से खाटू धाम,
चक्का जाम होगा।।
सुना है जो भी आता खाटू,
उसपे प्यार लुटाते हो,
जो हारा इस जग में बाबा,
उसको जीत दिलाते हो,
अगर मैं हारा नाम तेरा,
बदनाम होगा,
रींगस से खाटु धाम,
चक्का जाम होगा।।
खाटू वाले तुम तो,
हर रिश्ते को दिल से निभाते हो,
एक आवाज पे अपने भगत की,
लीले चढ़के आते हो,
तेरी दया से,
इस दिल को आराम होगा,
रींगस से खाटु धाम,
चक्का जाम होगा।।
श्याम तुम्हारा मैं हूँ प्रेमी,
तेरा हुकुम बजाता हूँ,
तुमसे मिलने ‘कुंदन’ संग में,
हर ग्यारस पे आता हूँ,
जब तक तेरा मुझपे,
ना ध्यान होगा,
रींगस से खाटु धाम,
चक्का जाम होगा।।
सुनो साँवरे अगर ना,
मेरा काम होगा,
रींगस से खाटू धाम,
चक्का जाम होगा।।
गायक – शिरीष गुप्ता गुड्डू भैया।
ग्वालियर – 9827014731
लेखन – कुंदन अकेला।