रोहित दास जी महा तपधारी,
दोहा – बिलाडो हद सोवनो,
जटे हुआ तपस्वी दिवान,
कठोर तपस्या रोहित दास की,
प्रगट भयी श्री आई मात।
रोहित दास जी महा तपधारी,
आई पंथ रा दिवान हुआ,
आई माताजी री साची भक्ति,
धाम बिलाड़ा में आय करे,
वर्णीन जावे म्हारी आईजी री महिमा,
चारों खूंट में जयकार होवे ओ जी ओ जी।।
ए हे पौष बदी आ पंचम आयी,
मां आईजी री मेहर होवे,
संवत् 1626 में रोहितदासजी रो जन्म होवे,
कर्म सिंह जी घर खुशीयां छायी,
सखियां मंगल गीत गावे ओ जी ओ जी।।
ए हे बिलाड़ा देवो री नगरी,
जटे आई माताजी रा परचा पड़े,
माघ सुदी आ पंचम आयी,
रोहित दास दिवान बने,
वर्ष 11 पाट बिराज्या,
ए राजा प्रजा निवन करे ओ जी ओ जी।।
ए हे आई माताजी री साची भक्ति,
रोहित दास जी आप करे,
12 वर्ष तक कठोर तपस्या,
रोहित दास जी आप करी,
प्रगट भया म्हारी जगत जोगनी,
भक्त ने दर्शन आय देवे ओ जी ओ जी।।
ए हे आई पंथ रो धर्म चलायो,
चारों खूंट में डंका बाजे,
डोराबंध जन सीरवी कहलाया,
दिवान साहब ने निवन करे,
आई पंथ रो साचो मार्ग,
सगला हिलमिल पालन करे ओ जी ओ।।
ए हे जोधाणे रा राजा आपने,
पकड़ जेल में बंद करे,
मेहर भयी जद आई माताजी री,
जेल रा ताला खुल जावे,
पर्चों देख आई माताजी रो राजा,
चरणों में आय पड़े ओ जी ओ जी।।
ए हे ख़बर पडी जद बन्दी करन री,
घणा सीरवी भेला होवे,
बिलाड़ा बड़ेर चौक में,
आत्मा रो बलिदान करे,
धिन धिन क्षत्रिय सीरवीयो ने,
धिन है रोहित दास जी ने ओ जी ओ।।
ए हे सन् 1991 माई,
रनिया बेरा री धन्य धरा,
रोहित दास जी री मन्दिर प्रतिष्ठा,
गाजा बाजा सु जोर होवे,
रोहित दास जी री मूर्ति स्थापना,
माधव सिंह जी आप करे ओ जी ओ।।
ए हे वर्तमान में आई पंथ रा,
धर्म गुरु हमारा है,
माधव सिंह जी दिवान कहिजे,
भक्त आईजी रा महान है,
साचे मन सु जो नर ध्यावे,
आईजी बेड़ा पार करे ओ जी ओ।।
ए हे रोहित दास जी री साची भक्ति,
परम भक्त रो बखान करु,
किशोर सुमन चरना रा चाकर,
भूल चूक म्हाने माफ करो,
लिखे ‘मनीष’ ‘अनिल’ ओ गावे,
आई माताजी ने निवन करे ओ जी।।
ए हे रोहितदास जी महा तपधारी,
आई पंथ रा दिवान हुआ,
आई माताजी री साची भक्ति,
धाम बिलाड़ा में आय करे,
वर्णीन जावे म्हारी आईजी री महिमा,
चारों खूंट में जयकार होवे ओ जी ओ जी।।
गायक- अनिल जी देवड़ा।
लेखक प्रेषक – मनीष सीरवी रायपुर।
जिला पाली राजस्थान।
9640557818