रूप ना देख्यो ऐसो,
जग सारा घुमिया,
हो देख थाने बाबोसा,
दीवानी हुई दुनिया।।
तर्ज – जब देखु बना री लाल।
चूरू नगर में थारा दर्शन पाया रे,
मन मे बसी थारी प्यारी ये मूरतियाँ,
हो देख थाने बाबोसा,
दीवानी हुई दुनिया।।
बाबोसा रो रूप लागे कामणगारो रे,
नेनो में डोले सा दिन और रतियाँ,
हो देख थाने बाबोसा,
दीवानी हुई दुनिया।।
देख बाबोसा थाने चाँद भी शरमावे रे,
थारो मुख देखे सा छुपके तारलियाँ,
हो देख थाने बाबोसा,
दीवानी हुई दुनिया।।
‘दिलबर’ रूप थारो दिल मे समायो रे,
थाने दिल मे राखु सा सारी रे उमरियाँ,
हो देख थाने बाबोसा,
दीवानी हुई दुनिया।।
रूप ना देख्यो ऐसो,
जग सारा घुमिया,
हो देख थाने बाबोसा,
दीवानी हुई दुनिया।।
गायक – अभिषेक शर्मा जयपुर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365