रुणीजा री धरती में कोई,
ढोल नगाड़ा बाजे रे,
जागण जागे रे सारी रात रा।।
लीले री असवारी बाबा,
रामदेव जी आवे रे,
जयकारा लागे गणा जोर का,
कोई जयकारा लागे गणा जोर का।।
हरजी भाटी चंवर ढुलावे,
रामदेव जी बैठा रे,
सुगना उतारे हरी री आरती,
ओ लाछा सुगना उतारे हरी री आरती।।
अंबर में कोई बिजली चमके,
मेह घणेरो गाजे रे,
मेलो तो आयो रे रामापीर रो,
कोई मेलो तो आयो रे रामापीर रो।।
भादरवा रो महीनो आयो,
रिमझिम मेह बरसे रे,
बरखा में पैदल चाले जातरु,
कोई बरखा में पैदल चाले जातरु।।
केशव रे मन भावे कोई,
अनंत गुण गावे रे,
चरणा में रखो मारा बाप जी,
ओ माने चरणा में रखो मारा बाप जी।।
रुणीजा री धरती में कोई,
ढोल नगाड़ा बाजे रे,
जागण जागे रे सारी रात रा।।
गायक – अनंत लोहार।
प्रेषक – केशु लाल लोहार।
9784293640