रुत फागणिये की आई,
रुत फागनिये की आई,
की मेलो थारो खूब भरसी,
की मेलो थारो खूब भरसी सांवरिया।।
तर्ज – उड़े जब जब जुल्फें तेरी।
थारे गठजोड़े से आस्या,
थारे चरणा धोक लगास्या,
के पलक उघाड्या सरसी,
के पलक उघाड्या सरसी सांवरिया।।
रींगस से पैदल आस्या,
थारे शिखर निशान चढास्या,
की मान म्हारो राख्या सरसी,
की मान म्हारो राख्या सरसी सांवरिया।।
ग्यारस की रात जगास्या,
बारस ने धोक लगास्या,
की सर पे हाथ धरसि,
की सर पे हाथ धरसि सांवरिया।।
थारी सवामणी करवास्या,
हाथां से थाने जिमास्या,
की श्याम थाने जीम्या सरसी,
श्याम थाने जीम्या सरसी सांवरिया।।
थारो ‘हर्ष’ या अरज गुजारे,
आवे घर का ने लेके लारे,
Bhajan Diary Lyrics,
की मेले में बुलाया सरसी,
की मेले में बुलाया सरसी सांवरिया।।
रुत फागणिये की आई,
रुत फागनिये की आई,
की मेलो थारो खूब भरसी,
की मेलो थारो खूब भरसी सांवरिया।।
Singer – Manish Bhatt