रुतबा बढ़ा दिया,
श्याम मेरा रुतबा बढा दिया,
कंकर को मोती बना के,
तुने रुतबा बढा दिया।।
भूल गए थे सब अपने,
बेगाने हो गए,
तुमने क्या मंतर मारा,
ये जग अपना बना दिया,
कंकर को मोती बना के,
तुने रुतबा बढा दिया।।
बेहतो के संग तो बहते,
मैंने अब तक देखे,
तूने रुके हुए को पकड़ के ऊँगली,
संग में बहा लिया,
कंकर को मोती बना के,
तुने रुतबा बढा दिया।।
दास ‘रवि’ को नहीं फिकर,
अब जो हो जैसा हो,
जब तूने नालायक अपने,
लायक बना लिया,
कंकर को मोती बना के,
तुने रुतबा बढा दिया।।
रुतबा बढ़ा दिया,
श्याम मेरा रुतबा बढा दिया,
कंकर को मोती बना के,
तुने रुतबा बढा दिया।।
Singer – Ravi Sharma