सादर गणपत देव मनाऊँ,
निवन करूँ गुरू चरना में,
बाईसा री कथा सुनावु,
बाईसा री कथा सुनावु,
साचा वचना मे माता भटियाणी,
हाँ रे माता भटियाणी,
भई गाँव पाचला आयी,
धणीयाणी माता भटियाणी।।
गाँव भलो जालौर जिला में,
नाम पाचला कहावे जी,
गाँव भलो जालौर जिला में,
नाम पाचला कहावे जी,
वर्ष ४६० बाद में वर्ष ४६० बाद में,
माजीसा आवे जी,
परचा दिखलावे,
हाँ रे परचा दिखलावे,
माँ प्रगट रूप भटियाणी सा आवे जी,
परचा दिखलावे,
गाँव पाचला अमरसिंह जी,
राजपूत एक रेवता जी,
जन्म देवड़ा कुल मे ज्यारो,
जन्म देवडा कुल मे ज्यारो,
करसन करता जी,
ठाकुर कहलाता,
हाँ रे ठाकुर कहलाता,
गुण बाईसा रा नितरा वे गाता,
के ठाकुर कहलाता।।
तीन बेटियां ओर दो बेटा,
जोडा अति धर्मी जी,
तीन बेटीयाँ ओर दो बेटा,
जोड अति धर्मी जी,
नाय धोय कर माजीसा री,
नाय धोय कर माजीसा री,
पूजा करता जी,
भक्ति साची जी,
हाँ रे भक्ति साची जी,
माजीसा वाले रंग में रांची जी,
भक्ति साची जी,
सबसु छोटा कंवर लाडला,
नाम शैतान सिंह प्यारो जी,
सबसु छोटा कंवर लाडला,
नाम शैतान सिंह प्यारो जी,
भक्ति भाव मे लागो देखो,
भक्ति भाव मे लागो देखो,
मनडो ज्यारो जी,
भजता भटियाणी,
हाँ रे भजता भटियाणी,
माँ कलयुग मे है साची कल्याणी,
भजता भटियाणी।।
हलचल घर में थोड़ा दिना रे,
बाद में होवन लागी जी,
हलचल घर में थोड़ा दिना रे,
बाद में होवन लागी जी,
छोटा मोटा बिच्छू आवे,
छोटा मोटा बिच्छू आवे,
आँखीया आगे जी,
लीला माता री,
हाँ रे लीला माता री,
भगता रे आंगन रमती भटियाणी,
लीला माता री,
उजली तेरस और दूज ने,
ज्योति करन ने लागा जी,
उजली तेरस और दूज ने,
ज्योति करन ने लागा जी,
लोग दूर सु दर्शन करवा,
लोग दूर सु दर्शन करवा,
आवन लागा जी,
के चर्चा फैली जी,
हाँ रे चर्चा फैली जी,
शैतान सिंह जी सेवा जेली जी,
चर्चा फैली जी।।
चमत्कार एक दिन बाईसा,
भगता ने दिखलायो जी,
चमत्कार एक दिन बाईसा,
भगता ने दिखलायो जी,
रूप ज्योत मे बाईसा रो,
रूप ज्योत मे बाईसा रो,
निजर आयो जी,
दर्शन दीना जी,
हाँ रे दर्शन दीना जी,
भगता रो भरोसो पक्को किनो जी,
दर्शन दीना जी,
विलासर शैतान सिंह जी रो,
ब्याव होयो हद भारी जी,
विलासर शैतान सिंह जी रो,
ब्याव होयो हद भारी जी,
जम्भ अवतारी साडन गाँव सु,
जम्भ अवतारी साडन गाँव सु,
लाया नारी जी,
के गाजा बाजा सु,
हाँ रे गाजा बाजा सु शैतान सिंह जी,
रहता राजा ज्यु,
के गाजा बाजा सु।।
गाया भैंसा खेती बाडी,
सब कुछ छोको चाले जी,
गाया भैंसा खेती बाडी,
सब कुछ छोको चाले जी,
दोय बेटियाँ ओर एक बेटो,
दोय बेटियाँ ओर एक बेटो,
संतान कहावे जी,
किरपा माता री,
हाँ रे किरपा माता री,
भण्डार भरावे माता भटियाणी,
किरपा माता री,
एक समय माँ भटियाणी जी,
मन में बात विचारी जी,
एक समय माँ भटियाणी जी,
मन में बात विचारी जी,
शैतान सिंह जी करे है कितरी,
शैतान सिंह जी करे है कितरी,
भक्ति म्हारी जी,
के भक्ति परखा जी,
हाँ रे भक्ति परखा जी,
सत भक्ति रो कितरो देखो जी,
के भगती परखा जी।।
सादर गणपत देव मनाऊँ,
निवन करूँ गुरू चरना में,
बाईसा री कथा सुनावु,
बाईसा री कथा सुनावु,
साचा वचना मे माता भटियाणी,
हाँ रे माता भटियाणी,
भई गाँव पाचला आयी,
धणीयाणी माता भटियाणी।।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818