सांसो का बना के हार,
बाबा को चढ़ा दे।
श्लोक – जीवन की हर साँस में,
लिख दे श्याम प्रभु का नाम,
भावों भरी सांसो की माला,
स्वीकार करेंगे श्याम।
सांसो का बना के हार,
बाबा को चढ़ा दे,
भावों का पिरो के हार,
बाबा को चढ़ा दे।।
सांसो का ठिकाना क्या है,
धोखा दे जाएगी,
इक पल आएगी,
दूजे पल रुक जाएगी,
तेरी साँसों का उपहार,
बाबा को चढ़ा दे,
साँसो का बना के हार,
बाबा को चढ़ा दे।।
जिसने ये बख़्शी सांसे,
उसके ही नाम कर,
परलोक का भी प्यारे,
थोड़ा इंतजाम कर,
हो जायेगा भव पार,
बाबा को चढ़ा दे,
साँसो का बना के हार,
बाबा को चढ़ा दे।।
किसने गिनी है सांसे,
कितनी ये आएगी,
एक सांस बन्दे तुझको,
श्याम से मिलाएगी,
ऐ ‘हर्ष’ तेरे उद्गार,
बाबा को चढ़ा दे,
सांसो का बना के हार,
बाबा को चढ़ा दे।।
सांसो का बना के हार,
बाबा को चढ़ा दे,
भावों का पिरो के हार,
बाबा को चढ़ा दे।।
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