सारा जगत राधे राधे रहा बोल,
बज रहा बज रहा बज रहा ढोल,
सारा जगत राधे राधे रहा बोल।।
देखे – किशोरी जी तो मेरी है।
राधा नाम अनमोल है मोती,
राधा नाम जीवन की ज्योति,
राधा नाम जीवन की ज्योति,
राधा नाम रस मिश्री घोल,
सारा जगत राधे राधे रहा बोल।।
राधा नाम अमृत का सागर,
जितनी चाहे भरलो गागर,
जितनी चाहे भरलो गागर
पिके नाम रस जहाँ तहाँ डोल,
सारा जगत राधे राधे रहा बोल।।
मधुर मधुर ये नाम है प्यारा,
जिसने जपा उसे पार उतारा,
जिसने जपा उसे पार उतारा,
तू भी हृदय पट अपना खोल,
सारा जगत राधे राधे रहा बोल।।
श्यामा हमारी भोरी सीधी साधी,
राधा नाम बिन भक्ति आधी,
राधा नाम बिन भक्ति आधी,
‘चित्र विचित्र’ राधा नाम अनमोल,
सारा जगत राधे राधे रहा बोल।।
सारा जगत राधे राधे रहा बोल,
बज रहा बज रहा बज रहा ढोल,
सारा जगत राधे राधे रहा बोल।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।