सारी दुनिया को चिंता,
यही एक भारी है,
लड़ रहे हैं हम जिससे,
वो एक महामारी है।।
तर्ज – तेरे जैसा यार कहाँ।
एक वायरस ने हमपे,
ऐसा जुल्म कर डाला,
हो चाईना, इटली, इंडिया,
पड़ गया है सब पर ताला,
हमने यही ठानी हैं,
ये जंग भी हमारी हैं,
लड़ रहे हैं हम जिससे,
वो एक महामारी है।।
डॉक्टर है सब घबराए,
कैसे हम जान बचाए,
इसका है एक उपाय,
सोशल डिस्टेंस बनाएं,
घर में हमें रहना है,
इसमें होशियारी है,
लड़ रहे हैं हम जिससे,
वो एक महामारी है।।
हम भारतीयों का एक ही,
जो धर्म है सनातन,
सिखाया सबको उसने,
बस एकता का पाठन,
मिलकर हमें लड़ना है,
आया समय भारी है,
लड़ रहे हैं हम जिससे,
वो एक महामारी है।।
सारी दुनिया को चिंता,
यही एक भारी है,
लड़ रहे हैं हम जिससे,
वो एक महामारी है।।
By – Ghanshyam Babani
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