सारी दुनिया में गूँजे थारो नाम,
ओ खाटू वाला श्याम जी,
ओ खाटू वाला श्याम जी,
ओ लीले वाला श्याम जी,
सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम,
ओ खाटू वाला श्याम जी।।
निर्बल का बल निर्धन का धन,
थारो रुतबो न्यारो,
हारयोड़ा की जीत करावे,
बाबा श्याम हमारो,
बाबा दर्दी ने देवो थे आराम,
ओ खाटू वाला श्याम जी,
सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम,
ओ खाटू वाला श्याम जी।।
जो कोई लेवे थारो आसरो,
बैठ्यो मौज उड़ावे,
खूंटी तान के सोवे वे ने,
चिंता नहीं सतावे,
बेगा थे ही बणावो सारा काम,
ओ खाटू वाला श्याम जी,
सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम,
ओ खाटू वाला श्याम जी।।
बिन पाणी के नाव चलाओ,
ऐसी है सकलाई,
आंख्या फड़के ‘हर्ष’ भगत की,
थे ही करो सुणाई,
थारे देरी को कोणी कोई काम,
ओ खाटू वाला श्याम जी,
सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम,
ओ खाटू वाला श्याम जी।।
सारी दुनिया में गूँजे थारो नाम,
ओ खाटू वाला श्याम जी,
ओ खाटू वाला श्याम जी,
ओ लीले वाला श्याम जी,
सारी दुनिया में गूंजे थारो नाम,
ओ खाटू वाला श्याम जी।।
स्वर – सौरभ मधुकर जी।