सब कुछ देना सांवरे पर,
अहंकार मत देना,
वरदान हम तो ये हमेशा,
तुमसे ही माँगा करते है।।
तर्ज – क्या करते थे साजना।
क्यों इतराऊं मेरा क्या है,
सब कुछ तो बाबा तूने दिया है,
तेरी दया से चलता गुजारा,
जब से रहम तूने मुझपे किया है,
मेरे सांवरे है तेरा करम,
ना आए कभी मेरे मन में अहम,
ये सोच के हम डरते है,
तुमसे ही माँगा करते है।
सब कुछ देना साँवरे पर,
अहंकार मत देना,
वरदान हम तो ये हमेशा,
तुमसे ही माँगा करते है।।
मन चंचल है मन है पापी,
खोल दे मन के सारे परदे,
मन में घमंड मेरे आए कभी ना,
तू इस मन को निर्मल करदे,
मैं करती रहूं तेरी बंदगी ,
गुजरती रहे यूँ ही ज़िंदगी,
तेरे नाम की आहे भरते है,
तुमसे ही माँगा करते है।
सब कुछ देना साँवरे पर,
अहंकार मत देना,
वरदान हम तो ये हमेशा,
तुमसे ही माँगा करते है।।
खाटू वाले दुनिया मुझको,
तेरा प्रेमी ये पहचाने,
इज्जत शोहरत तुमसे मिली है,
‘कुंदन’ केवल इतना जाने,
यूँ ही नजर रखो मुझ पर,
करूँ चाकरी तेरी उम्र भर,
बस तुझसे ही जीते मरते है,
तुमसे ही माँगा करते है।
सब कुछ देना साँवरे पर,
अहंकार मत देना,
वरदान हम तो ये हमेशा,
तुमसे ही माँगा करते है।।
सब कुछ देना सांवरे पर,
अहंकार मत देना,
वरदान हम तो ये हमेशा,
तुमसे ही माँगा करते है।।
स्वर – सोना जाधव।
प्रेषक – बबली शर्मा (जयपुर)
Hame ye bhajan bahut pasnd aaya