सब मिल के गाओ,
थोड़े भजन सुनाओ,
जरा जम के ताल बजाओ,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे।।
तर्ज – मुझे नींद ना आये मुझे।
ज्योत जगाई हमने बाबा तेरी है,
क्यों आए ना क्या अब भी कुछ देरी है,
पूछो जरा पूछो क्या बात है,
क्या हमसे नाराज है,
पूछो जरा पूछो क्या बात है,
क्या हमसे नाराज है,
बाबा कुछ तो बताओ,
थोडा समझाओ,
तुम्हे कैसे श्याम रिझाए,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे।।
टेर लगाई द्रोपदी ने तब आए थे,
धन्ना जाट के जाके हल को चलाए थे,
कर्मा का खीचड़ खा गए,
साग विदुर जी के भा गए,
कर्मा का खीचड़ खा गए,
साग विदुर जी के भा गए,
अब हमरी है बारी,
पड़े शरण तिहारी,
क्यों श्याम तू देर लगाए,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे।।
तुमसा माझी और ना बाबा कोई है,
आस की माला हमने श्याम पिरोई है,
शरणागत को तार दो,
अब तो श्याम उबार दो,
शरणागत को तार दो,
अब तो श्याम उबार दो,
तेरी बाट निहारे ‘राजेश’ पुकारे,
प्रभु अब तो दरश दिखाओ,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे।।
सब मिल के गाओ,
थोड़े भजन सुनाओ,
जरा जम के ताल बजाओ,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे,
तभी तो मेरे श्याम आएँगे।।
गायक – सूरज शर्मा जी।