सबसे मीठा बोल रे भाईडा मारा,
सबसें मीठा बोल,
दो दिन को जग में जीवनों भाईडा रे,
दो दिन को जग में जीवनों पंछीडा रे।।
दो ही दिनों की होय रे जवानी,
दोई दिना की होय,
तारे पाछे बुढ़ापो आवलो भाईडा रे,
सबसें मीठा बोल रे भाईडा मारा,
सबसें मीठा बोल,
दो दिन को जग में जीवनों भाईडा रे।।
दोई दिना की चमक चांदनी,
दोई दिना की होए,
तारे पाछे अंधेरी रात दी भाईडा रे,
सबसें मीठा बोल रे भाईडा मारा,
सबसें मीठा बोल,
दो दिन को जग में जीवनों भाईडा रे।।
थारे कर्म से हंस बनेलो वीरा,
थारे कर्म से हंस,
घर का बनासी कागलों भाईडा रे,
सबसें मीठा बोल रे भाईडा मारा,
सबसें मीठा बोल,
दो दिन को जग में जीवनों भाईडा रे।।
कह गए दास कबीर भाईडा रे,
कह गए दास कबीर,
अब हर बज उतरे पारसी भाईडा रे,
सबसें मीठा बोल रे भाईडा मारा,
सबसें मीठा बोल,
दो दिन को जग में जीवनों भाईडा रे।।
सबसे मीठा बोल रे भाईडा मारा,
सबसें मीठा बोल,
दो दिन को जग में जीवनों भाईडा रे,
दो दिन को जग में जीवनों पंछीडा रे।।
गायक – रामकुमार जी मालुनि।
प्रेषक – शेरा लाखेरी बूंदी
889 006 8460
सबसे मिटो बोल माराभाईङा