सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से होके समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
तर्ज – इतनी शक्ति हमें।
जिसकी नैया संभाले कन्हैया,
उसको कोई भी डर ना भंवर का,
एक उसकी ही मंजिल सही है,
जो पथिक है प्रभु की डगर का,
गम की आंधी उसे क्या उड़ाये,
जो प्रभु मौज में झूमता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से होके समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
जिसका रिश्ता है माया पति से,
जग की माया उसे क्या लुभाये,
उसकी नज़रों में सब है बराबर,
कोई अपने ना कोई पराये,
जिसके दिल में बसा श्यामसुन्दर,
हर कही श्याम को देखता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से होके समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
एक दिन छोड़ के जग ये जाना,
‘बिन्नू’ बन जा प्रभु का दीवाना,
श्याम को जिसने अपना है माना,
उसको चरणों में मिलता ठिकाना,
जाने के बाद में ये ज़माना,
उनके चरणों की रज ढूंढ़ता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से होके समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
सच्चे हृदय से हो के समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है,
ढूंढ़ता जो सदा सांवरे को,
सांवरा खुद उसे ढूंढ़ता है,
सच्चे हृदय से होके समर्पित,
अपने ठाकुर को जो पूजता है।।
Singer – Shubham & Maanya Arora