ऐसी करदी दया,
तूने ओ साँवरे,
तेरे दर आके,
सचमुच मज़ा आ गया,
है ज़रूरत मेरी,
तू ही तू मेरे श्याम,
तेरी भक्ति का मुझपे,
नशा छा गया,
ऐसी करदी दया,
तूने ओ साँवरे।।
तर्ज – हाल क्या है दिलों का।
जब से देखी तेरे,
दर की रौनकें,
दिल ने ठाना,
नहीं जाना दर छोड़के,
कैसा जादू किया,
तूने ओ साँवरे,
तेरा मुखड़ा सलोना,
मुझे भा गया,
ऐसी करदी दया,
तूने ओ साँवरे।।
संग तुझसा न अब,
तक था देखा,
हाथों की पलट,
दी है रेखा,
तेरा दर मेरा सर,
रिश्ता कायम रहे,
शुक्रिया तेरा करने,
अदा आ गया,
ऐसी करदी दया,
तूने ओ साँवरे।।
मेरी आँखें नहीं होती,
अब कभी नम,
साथ तुम हो तो फिर,
श्याम काहे का गम,
दो वचन मैं भजन,
तेरे गाता रहूँ,
अब तो मंज़िल का,
अपनी पता पा गया,
ऐसी करदी दया,
तूने ओ साँवरे।।
ऐसी करदी दया,
तूने ओ साँवरे,
तेरे दर आके,
सचमुच मज़ा आ गया,
है ज़रूरत मेरी,
तू ही तू मेरे श्याम,
तेरी भक्ति का मुझपे,
नशा छा गया,
ऐसी करदी दया,
तूने ओ साँवरे।।
गायक – श्यामसाजन अरोड़ा।
9773696355