साधो भाई बेगम देश स्थाना,
दोहा – विजया बेगम देश में,
पंहुचा सन्त सुजान,
आवागमन छूट गया,
अनुभव उदय सुभान।
साधो भाई बेगम देश स्थाना,
सूक्ष्म रहस्य लखा सोई पावे,
विरला सन्त थिर थाना,
साधो भाईं बेगम देश स्थाना।।
इड़ा पिंगला सुषम्ना नाही,
नहीं कोई चाल चलाना,
रेचक पूरक कुम्भक नाही,
नाही समाधि लगाना,
साधो भाईं बेगम देश स्थाना।।
खेचरी भूचरी चाचरी नाही,
अगोचरी उन्मुन विलाना,
दिव्य प्रकाश एक रस आतुर,
नहीं उपजे नहीं जाना,
साधो भाईं बेगम देश स्थाना।।
सप्त सुन्न पर सुन्न हमारी,
तहाँ पर ध्वज फहराना,
चेतन योगी अमर गर्जना,
अपने आप रहाना,
साधो भाईं बेगम देश स्थाना।।
काल मृत्यु वहाँ नहीं पँहुचे,
नहीं रजनी नहीं भाना,
विजयानंद अक्षय पद पाया,
नहीं गया नहीं आना,
साधो भाईं बेगम देश स्थाना।।
साधों भाई बेगम देश स्थाना,
सूक्ष्म रहस्य लखा सोई पावे,
विरला सन्त थिर थाना,
साधो भाईं बेगम देश स्थाना।।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार,
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052