साधो ये मुर्दो का गाँव,
पीर मरे पैगम्बर मरी है,
मरी है जिन्दा जोगी,
राजा मरी है परजा मरी है,
मरी है बैद और रोगी,
साधो ये मुरदों का गाँव।।
चंदा मरी है सूरज मरी है,
मरी है धरनी आकासा,
चौदह भुवन के चौधरी मरी है,
इन्हों की का आसा,
साधो ये मुरदों का गाँव।।
नौहूँ मरी है दसहुँ मरी है,
मरी है सहज अठासी,
तेंतीस कोटि देव मरी है,
बड़े काल की बाज़ी,
साधो ये मुरदों का गाँव।।
नाम अनाम अनंत रहत है,
दूजा तत्व न होई,
कहे कबीर सुनो भाई साधो
भटका मारो मत कोई,
साधो ये मुरदों का गाँव।।
साधो ये मुर्दो का गाँव,
पीर मरे पैगम्बर मरी है,
मरी है जिन्दा जोगी,
राजा मरी है परजा मरी है,
मरी है बैद और रोगी,
साधो ये मुरदों का गाँव।।
Singer – Aabhas, Shreyas
Upload – Swapnil Sharma