सखि चलो नंद के द्वार,
ओ द्वार,
लाला के दर्शन कर आवें,
लाला के दर्शन कर आवें।।
यशोदा ने लाला जायो है,
यशोदा ने लाला जायो है,
घर-घर में आनंद छायो है,
घर-घर में आनंद छायो है,
सब भक्तन के मन भायो है,
सब भक्तन के मन भायो है,
मिल गाओ मंगलाचार,
ओ चार,
लाला के दर्शन कर आवें,
लाला के दर्शन कर आवें।।
भयौ चंद्रवंश उजियारौ है,
भयौ चंद्रवंश उजियारौ है,
मिट गयौ दुखद अँधियारौ है,
मिट गयौ दुखद अँधियारौ है,
आज जागौ भाग हमारौ है,
आज जागौ भाग हमारौ है,
मिल्यौ आज जन्म कौ सार,
ओ सार,
लाला के दर्शन कर आवें,
लाला के दर्शन कर आवें।।
जो मिलौ नहीं सुख त्रिभुवन में,
जो मिलौ नहीं सुख त्रिभुवन में,
वो विखर रह्यौ ब्रज गलियां में,
वो विखर रह्यौ ब्रज गलियां में,
मच रही लूट ब्रज रसिकन में,
मच रही लूट ब्रज रसिकन में,
लुट गयौ कुंवर मझधार,
ओ धार,
लाला के दर्शन कर आवें,
लाला के दर्शन कर आवें।।
सखि चलो नंद के द्वार,
ओ द्वार,
लाला के दर्शन कर आवें,
लाला के दर्शन कर आवें।।
प्रेषक – रवि कान्त शास्त्री
7017353139