सखी री मन्नै कृष्ण ले लिया मोल,
सखी री मन्नै मोहन ले लिया मोल।।
कोए कह हलका कोए कह भारया,
सखी री मन्नै लिया तराजु तोल,
सखी री मन्नै मोहन ले लिया मोल।।
कोए कह सस्ता कोए कह महंगा,
सखी री मेरा मोहन स अनमोल,
सखी री मन्नै मोहन ले लिया मोल।।
कोए कह लुकमा कोए छिपमा,
सखी री मन्नै लिया बजा क ढोल,
सखी री मन्नै मोहन ले लिया मोल।।
कोए कह गोरा कोए कह काला,
सखी री मेरा दुनिया करः मखोल,
सखी री मन्नै मोहन ले लिया मोल।।
जहर का पयाला राणाजी ने भेजया,
वा पी गई मीरा घोल,
सखी री मन्नै मोहन ले लिया मोल।।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
सखी री वे मिलः मोल के मोल,
सखी री मन्नै मोहन ले लिया मोल।।
सखी री मन्नै कृष्ण ले लिया मोल,
सखी री मन्नै मोहन ले लिया मोल।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
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