सालासर के श्री हनुमान को,
आज रिझाने आये है,
रिझाने आये है की ज्योत जगाने आये है,
अब तो जागे भाग्य हमारे,
की भजन सुनाने आये है,
सालासर के श्रीं हनुमान को,
आज रिझाने आये है।।
राजस्थान में सालासर है,
भारत का एक गाँव,
जहाँ विराजे हनुमान ज्यूँ,
कल्पतरु की छाव,
जिस दिन बालू माटी पर,
पड़े प्रभु के पाँव,
उत्सव लगता हर दिन बाबा,
होता हर्ष उछाव,
उस हनुमान की गाथा,
हम दोहराने आये है,
अब तो जागे भाग्य हमारे,
की भजन सुनाने आये है,
सालासर के श्रीं हनुमान को,
आज रिझाने आये है।।
सीर पर झूले स्वर्ण छत्र और,
माथे मुकुट विराजे,
लाल लाल लख रूप तुम्हारा,
सूर्य चंद्र भी लाजे,
हाथ में सोटा अनुपम बाबा,
कानो में कुण्डल साजे,
अष्ट प्रहर तेरे आँगन में,
राम नाम धुन बाजे,
हम भी राम राम जय राम,
गुंजाने आये है,
अब तो जागे भाग्य हमारे,
की भजन सुनाने आये है,
सालासर के श्रीं हनुमान को,
आज रिझाने आये है।।
झांझ नगारे बजे द्वार पे,
और बजे शहनाई,
प्रतिपल आनंद छाया तूने,
ऐसी ज्योत जगाई,
जात जडूला देने आते,
मिलकर लोग लुगाई,
अम्मा के संग बाबू आते,
बहनो के संग भाई,
सवामणी कर चूरमा,
भोग लगाने आये है,
अब तो जागे भाग्य हमारे,
की भजन सुनाने आये है,
सालासर के श्रीं हनुमान को,
आज रिझाने आये है।।
राम के काज सँवारे प्रभु जी,
अब हमको भी तारो,
अर्जी भक्तो ने की बाबा,
करके कृपा विचारो,
हम सब आये शरण तिहारी,
हमरा कष्ट निवारो,
तेरा तुझको सौंप दिया प्रभु,
आकर इसको संभालो,
हनुमत हम तेरे है,
याद दिलाने आये है,
अब तो जागे भाग्य हमारे,
की भजन सुनाने आये है,
सालासर के श्रीं हनुमान को,
आज रिझाने आये है।।
सालासर के श्री हनुमान को,
आज रिझाने आये है,
रिझाने आये है की ज्योत जगाने आये है,
अब तो जागे भाग्य हमारे,
की भजन सुनाने आये है,
सालासर के श्रींहनुमान को,
आज रिझाने आये है।।