समय बड़ो मतवालो संता,
दोहा – समय बड़ा बलवान है,
नहीं पुरुष बलवान,
काबा लूटी गोपीया,
वहीं अर्जण वही बाण।
समय बड़ो मतवालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी,
तीनों युग सतवादी निकलया,
तीनों युग सतवादी निकलया,
चौथो कलयुग कालो जी,
समय बड़ो मत वालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी।।
सतयुग में राजा महादानी,
हरिशचंद्र घर तालो जड़यो,
सत पे बिकग्या तीनों प्राणी,
राम ही मतवालो जी,
समय बड़ो मत वालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी।।
द्वापर युग में कृष्ण जन्मया,
कंस के घर उजयारो भयो,
कंस ने छायो वंश बहन को,
जड़यो रह गयो तालो जी,
समय बड़ो मत वालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी।।
त्रेतायुग में रामचंद्र जी,
लिदो देश निकालो जी,
राजा दशरथ पिता राम का,
लगा सक्या नहीं तालों जी,
समय बड़ो मत वालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी।।
कलयुग माईने कला घणी जी,
बिना भाण उजयारो भयो,
जाड़ जाड़ में देवत वेग्या,
ऊबा ऊबा नालो जी,
समय बड़ो मत वालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी।।
कलयुग मइने नेता जन्मया,
कररिया खूब घोटालो जी,
घास खा गाया ने खाग्या,
निकल्यो नाही दिवालो जी,
समय बड़ो मत वालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी।।
केवे जब्बार यूँ सुणो साँवरिया,
अब कई वेबा वालो जी,
गुरु भैरव जगदीश आसरो,
किशन को राम रूपालों जी,
समय बड़ो मत वालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी।।
समय बड़ो मतवालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी,
तीनों युग सतवादी निकलया,
तीनों युग सतवादी निकलया,
चौथो कलयुग कालो जी,
समय बड़ो मत वालो संता,
समय बड़ो मतवालों जी।।
स्वर – किशन सोनगर,
प्रेषक – विनु सोनगर
9799284708
Copy nhi ho rha hai
Bhajan bhut hi a ichha hai