संवत्सरी का शुभ दिन है ये,
आओ करले क्षमापना,
मैत्री भाव की भावना रखकर,
करो खमत खामणा,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना,
संवत्सरी का शुभ दिन है यह,
आओ करले क्षमापना।।
शुद्ध मन से ये पर्व मनाकर,
निर्मल करलो आत्मा,
राग द्वेष को त्यागे हम,
जीवन मे होगी खुशियां,
मन वचन और काया से,
करो खमत खामणा,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना।।
त्याग तपस्या प्रभु भक्ति का,
पर्व है ये सुहावना,
संवत्सरी पर दिल से करना,
छोटे बड़ो से क्षमापना,
बेर भाव न हो किसी से,
करो प्रभु से ये प्रार्थना,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना।।
मानव भव अनमोल है,
बड़े भाग्य से मिलता है,
पुण्यशाली है वो ‘दिलबर’,
जैन कुल जिन्हें मिलता है,
एक यही अभिलाषा मेरी,
मांगू दिल से क्षमापना,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना।।
संवत्सरी का शुभ दिन है ये,
आओ करले क्षमापना,
मैत्री भाव की भावना रखकर,
करो खमत खामणा,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना,
संवत्सरी का शुभ दिन है यह,
आओ करले क्षमापना।।
Singer – Abhilashaa Banthia
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365