साँचा बाबा का दरबार है,
यहाँ होता चमत्कार है,
हार के जो भी आता यहाँ,
श्याम बनता मददगार है,
सांचा बाबा का दरबार है।।
तर्ज – ये तो सच है की भगवान।
पापी हो कपटी हो,
या कोई बेईमान,
एक पल में ही ये,
उसको लेता पहचान,
भाव सच्चे है जिसके अगर,
उसको करता ये स्वीकार है,
हार के जो भी आता यहाँ,
श्याम बनता मददगार है,
सांचा बाबा का दरबार है।।
दानी जग में बड़े,
ऐसा दानी नहीं,
इसकी शक्ति का भी,
कोई सानी नहीं,
लाज लुट जाए खुद की चाहे,
भक्तो के खातिर तैयार है,
हार के जो भी आता यहाँ,
श्याम बनता मददगार है,
सांचा बाबा का दरबार है।।
काम कैसा भी हो,
बनते देखा यहाँ,
रोती आँखों को भी,
हँसते देखा यहाँ,
है असंभव यहाँ कुछ नहीं,
‘मोहित’ ऐसा ये दरबार है,
Bhajan Diary,
हार के जो भी आता यहाँ,
श्याम बनता मददगार है,
सांचा बाबा का दरबार है।।
साँचा बाबा का दरबार है,
यहाँ होता चमत्कार है,
हार के जो भी आता यहाँ,
श्याम बनता मददगार है,
सांचा बाबा का दरबार है।।
Singer – Ekta Sarraf