सांझ सवेरे अधरों पे मेरे,
बस तुम्हरा है नाम,
मैं राधा तुम श्याम साँवरिया,
मैं राधा तुम श्याम सांवरिया।।
गोकुल मथुरा तीरथ सारे,
कितने सूंदर कितने न्यारे,
पर मैं ना मानु ना मानु,
तेरे चरण से बढ़के कोई भी धाम,
मैं राधा तुम श्याम सांवरिया,
मैं राधा तुम श्याम सांवरिया।।
तेरा सूंदर रूप सलोना,
कर गया मुझपे जादू टोना,
बस मैं तो भूली मैं भूली,
सुद्बुध अपनी पीकर भक्ति जाम,
मैं राधा तुम श्याम सांवरिया,
मैं राधा तुम श्याम सांवरिया।।
मैं हूँ भिखारन तुम हो दानी,
दर्शन की प्यासी ‘रश्मी’ दीवानी,
अब मैं ना जानू ना जानू,
करना ‘बिसरिया’ जग में कोई काम,
मैं राधा तुम श्याम सांवरिया,
मैं राधा तुम श्याम सांवरिया।।
सांझ सवेरे अधरों पे मेरे,
बस तुम्हरा है नाम,
मैं राधा तुम श्याम साँवरिया,
मैं राधा तुम श्याम सांवरिया।।
स्वर – रश्मि योगिनी।
प्रेषक – सरोज भंडारी
95491 02727