संकट को आने दो,
तूफान मंडराने दो,
मेरे श्याम के रहते,
तुझे किस बात का है डर,
क्यों करता फिकर,
संकट को आने दों,
तूफान मंडराने दो।।
तर्ज – जब हम जवां होंगे।
संकट आते है आएँगे जाएँगे,
श्याम के रहते,
कुछ ना तेरा कर पाएँगे,
इनके रहते क्यों भटक रहा,
इधर से उधर,
क्यों करता फिकर,
संकट को आने दों,
तूफान मंडराने दो।।
कश्ती तेरी लहरे रोक ना पाएंगी,
खुद ही तुझे तेरी,
मंजिल तक पहुंचाएगी,
क्या रोके कोई उसको,
जिसपे श्याम की नजर,
क्यों करता फिकर,
संकट को आने दों,
तूफान मंडराने दो।।
कैसे हो हालात ये साथ निभाएगा,
लाज बचाने,
आता रहा और आएगा,
सुख दुःख का साथी बनकर,
साथ चलेगा उम्र भर,
क्यों करता फिकर,
संकट को आने दों,
तूफान मंडराने दो।।
‘शानू’ की हर बिगड़ी बात संवारी है,
कर ले यकीन,
क्योंकि अब तेरी बारी है,
तू छोड़ के सबकुछ,
करले इन पर थोडा सबर,
क्यों करता फिकर,
संकट को आने दों,
तूफान मंडराने दो।।
संकट को आने दो,
तूफान मंडराने दो,
मेरे श्याम के रहते,
तुझे किस बात का है डर,
क्यों करता फिकर,
संकट को आने दों,
तूफान मंडराने दो।।
गायक – कुमार शानू।
बहुत अच्छा जय श्री श्याम