संकट मोचन नाम है बजरंग तुम्हारा-बजरंग तुम्हारा।
(तर्ज :- जनम जनम का साथ है)
संकट मोचन नाम है बजरंग तुम्हारा-बजरंग तुम्हारा।
उसकी विपदा टारी तूने, जिसने तुझे पुकारा॥
संकट मोचन …
लंकपुरी मेँ जाकर पता सिया का लगाया।
बड़े बड़े असुरोँ को तूने मार गिराया।
फल खाये, बाग उजाड़े, अक्षय को मारा॥१॥
संकट मोचन …
लखन को मूर्छा आई रामचन्द्रजी घबराये।
गये उड़के लंका मेँ वैद्य सुषेन को लाये।
महल सहित उठाया लाकर वन मेँ उतारा॥२॥
संकट मोचन …
कहा वैद्यजी ने ये बूँटी संजीवन लानी है।
सूरज उगने से पहले लखन को पिलानी है।
हे पवनसुत करो तुम्हीँ काम ये हमारा॥३॥
संकट मोचन …
द्रोणागिरि जाके बाला तुरन्त औषधि लाये।
जाग उठे शेष अवतारी जब घोल पिलाये।
कहा राम ने बजरंग तू है प्रिय भ्रात हमारा॥४॥
संकट मोचन …
हे महावीर बलकारी रणधीर तुम हो।
भक्तोँ की बनाते बिगड़ी तकदीर तुम हो।
‘खेदड़’ पे कृपा दृष्टि रखना है दास तुम्हारा॥५॥
संकट मोचन …
संकट मोचन नाम है बजरंग तुम्हारा-बजरंग तुम्हारा।
उसकी विपदा टारी तूने, जिसने तुझे पुकारा॥
संकट मोचन …