सांसो की माला पे,
सिमरु मैं शिव का नाम,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव का नाम,
अपने मन में हरदम रहता है,
शिव तेरा नाम,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव का नाम।।
तर्ज – सांसो की माला पे।
शिव शंकर तुम,
हो हितकारी,
ओ भोले त्रिपुरारी,
तू ही रखवाला मेरा शिवजी,
तू ही है राम,
सांसों की माला पे,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव तेरा नाम।।
शिव तू ही है मेरा,
भाग्य विधाता,
तू ही है भगवान,
तूने सबकी बिगड़ी बनाई,
तू ही है सर्व नाम,
सांसों की माला पे,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव तेरा नाम।।
तेरे दर पे मैं, कैसे आऊँ,
कैसे तेरे दर्शन पाऊँ,
‘पूनम’ बोले शिवजी,
तेरे चरणों में सुखधाम,
सांसों की माला पे,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव तेरा नाम।।
सांसो की माला पे,
सिमरु मैं शिव का नाम,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव का नाम,
अपने मन में हरदम रहता है,
शिव तेरा नाम,
सांसों की माला पे,
सिमरु मैं शिव का नाम।।
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