संतो काई आवे रे काई जाय,
बोले रे ज्यारी खबर करो।।
पाणी रो नर बणो बुलबुलो,
धर्यो आदमी नाम,
कौल किया था हरि भजन को,
आय बसायो अपणो गांव,
बोले रे ज्यारी खबर करो।।
हस्थी छूटया ठाण से रे,
लसकर पड़ी पुकार,
दस दरवाजा बन्द पड़ा है,
निकल चलो असवार,
बोले रे ज्यारी खबर करो।।
जैसे पाणी ओस का रे,
वेसो यो संसार,
झिलमिल-झिलमिल हो रही रे,
जाता ने लागो कोनी बार,
बोले रे ज्यारी खबर करो।।
कहत कबीर सुणो भाई साधो,
झूठो जग संसार,
राम नाम की नाव बणा लो,
उतरोला भवजल पार,
बोले रे ज्यारी खबर करो।।
संतो काई आवे रे काई जाय,
बोले रे ज्यारी खबर करो।।
गायक – डॉ बाबूलाल सैनी।
प्रेषक – सुभाष सारस्वा काकड़ा।
9024909170