सांवरा दयालु है,
हारे का सहारा है,
इनकी कृपा से ही होता,
जग में गुजारा है,
साँवरा दयालु है,
हारे का सहारा है।।
तर्ज – आदमी मुसाफिर।
गहरा हो दरिया दुखो का जितना,
जोर लगा ले तूफ़ान कितना,
बाबा के होते ना,
दूर किनारा है,
साँवरा दयालु है,
हारे का सहारा है।।
बिगड़ी बनाता विपदा मिटाता,
भटके हुओं को मंजिल दिखाता,
जीवन में करता,
उजियारा है,
साँवरा दयालु है,
हारे का सहारा है।।
जग से ना माँगना रोना पड़ेगा,
सम्मान अपना खोना पड़ेगा,
बिन मांगे देता ये,
पालनहारा है,
साँवरा दयालु है,
हारे का सहारा है।।
‘रूबी-रीधम’ आया इनकी शरण जो,
रहती ना चिंता रहता मगन वो,
अपने प्रेमियों का ये,
रखवारा है,
साँवरा दयालु है,
हारे का सहारा है।।
सांवरा दयालु है,
हारे का सहारा है,
इनकी कृपा से ही होता,
जग में गुजारा है,
साँवरा दयालु है,
हारे का सहारा है।।
Singer – Smita Ganuwala
Lyricist – Ruby Garg