सांवरे किस्मत का मारा हूँ,
खाटू नगरी आया हूँ,
श्याम धणी तू सेठ कहावे,
आशा लेकर आया हूँ।।
घर से बेघर हुआ सांवरे,
सुनता ना कोई मेरी है,
सगे सबंधी हंसी उडावे,
काहे लगाई देरी है,
हारे का एक तू ही सहारा,
हारे का एक तू ही सहारा,
ये अरदास लगाता हूँ,
श्याम धणी तू सेठ कहावे,
आशा लेकर आया हूँ।।
लखदातार कहाते हो तुम,
भेंट क्या तुम्हे चढाऊंगा,
अश्रु रूपी जलधारा बहाकर,
सांवरिया को रिझाऊंगा,
नहीं ठिकाना कोई जग में,
नहीं ठिकाना कोई जग में,
तुमको आज बताता हूँ,
श्याम धणी तू सेठ कहावे,
आशा लेकर आया हूँ।।
नहीं दिखाई देता जहाँ में,
कोई मुझे सहारा है,
तीन बाण का धारी है वो,
बाबा श्याम हमारा है,
अपने हालातों को सांवरे,
अपने हालातों को सांवरे,
आके तुम्हे सुनाता हूँ,
श्याम धणी तू सेठ कहावे,
आशा लेकर आया हूँ।।
एहलवती के राज दुलारे,
मेरा भी उद्धार करो,
आया शरण तुम्हारी ‘अमित’ है,
मोर छड़ी की किरपा करो,
रो रो पुकारे ‘नागर’ श्यामा,
रो रो पुकारे ‘नागर’ श्यामा,
ये आवाज लगाता हूँ,
श्याम धणी तू सेठ कहावे,
आशा लेकर आया हूँ।।
सांवरे किस्मत का मारा हूँ,
खाटू नगरी आया हूँ,
श्याम धणी तू सेठ कहावे,
आशा लेकर आया हूँ।।
गायक – पवन जी नागर।