सांवरे कुछ तो बता दे,
चल दिए मुंह मोड़ कर,
क्या हुई हमसे खता,
जो चल दिए तुम छोड़ कर,
साँवरे कुछ तो बता दे,
चल दिए मुंह मोड़ कर।।
तर्ज – सांवरे इतना तो कह दे।
देख लो आवाज देकर।
सामने दरबार में हो,
क्यों नहीं आते नज़र,
दुखडो से दामन भरा है,
जिसकी तुमको है खबर,
विनती करते है कन्हैया,
दोनों कर हम जोड़कर,
साँवरे कुछ तो बता दे,
चल दिए मुंह मोड़ कर।।
कुछ नहीं माँगा है बाबा,
तुमसे ही तेरे सिवा,
दोष मेरी तक़दीर का है,
आपसे है क्या गिला,
जाओ ना नज़रें चुराके,
दिल ये मेरा तोड़ कर,
साँवरे कुछ तो बता दे,
चल दिए मुंह मोड़ कर।।
वक़्त मुश्किल का ये बाबा,
कैसे भी टल जाएगा,
हाथ गर सर पे धरा तो,
काम भी बन जाएगा,
आस जगा दी दिल में तुमने,
हमसे नाता जोड़ कर,
साँवरे कुछ तो बता दे,
चल दिए मुंह मोड़ कर।।
‘सुरेंद्र’ को रहना है मोहन,
तेरे चरणों में सदा,
माफ़ कर देना मुझे तुम,
गर हुई मुझसे खता,
कहीं चले जाना नहीं तुम,
मुझको तनहा छोड़ कर,
साँवरे कुछ तो बता दे,
चल दिए मुंह मोड़ कर।।
सांवरे कुछ तो बता दे,
चल दिए मुंह मोड़ कर,
क्या हुई हमसे खता,
जो चल दिए तुम छोड़ कर,
साँवरे कुछ तो बता दे,
चल दिए मुंह मोड़ कर।।
Singer – Vikas Bagri