सांवरे मेरी बिगड़ी,
बना दीजिए,
अब यूं देरी लगाने से,
क्या फायदा
हारते को जिताना,
तेरा काम है,
फिर मुझे यूं सताने से,
क्या फायदा,
साँवरे मेरी बिगड़ी,
बना दीजिए।bd।
तर्ज – तुम अगर साथ देने का।
मेरी हालत पे कुछ तो,
निगाह कीजिए,
थोड़ी सी ही सही,
पर दया कीजिए,
जानते हो प्रभु,
मेरी मजबूरिया,
तो यूं दर दर घुमाने से,
क्या फायदा,
साँवरे मेरी बिगड़ी,
बना दीजिए।bd।
मेरे कमजोर हाथों को,
पकड़ो जरा,
एक तुम्हारा ही है,
बस मुझे आसरा,
तुमको मालूम है,
मैं कमजोर हूं,
फिर भला आजमाने से,
क्या फायदा,
साँवरे मेरी बिगड़ी,
बना दीजिए।bd।
तेरी बस एक नजर,
हो गई जो अगर,
बिगड़ी ‘माधव’ की,
पल में ही जाए संवर,
तू जो चाहे तो कुछ भी,
असंभव नहीं,
फिर बहाने बनाने से,
क्या फायदा,
साँवरे मेरी बिगड़ी,
बना दीजिए।bd।
सांवरे मेरी बिगड़ी,
बना दीजिए,
अब यूं देरी लगाने से,
क्या फायदा
हारते को जिताना,
तेरा काम है,
फिर मुझे यूं सताने से,
क्या फायदा,
साँवरे मेरी बिगड़ी,
बना दीजिए।bd।
Singer – Kanika Grover
Lyrics – Abhishek Sharma ‘Madhav’