सांवरे सलोने आजा,
तेरा इंतजार है,
नैया तिरा दे मेरी,
डूबी मझधार है।।
तर्ज – सौ साल पहले।
मीरा ने जो विष पिया,
तुम अमृत बनाए हो,
राधा के संग में आकर,
तुम ही रास रचाए हो,
द्रोपदी की लजिया राखी,
तूने किरतार रे,
नैया तिरा दे मेरी,
डूबी मझधार है।।
मण्डफिया के ठाकुर जी,
जग में महिमा छाई है,
बिगड़े भक्तों की लाज,
प्रभुजी पल में बनाई है,
मेरी भी बचा दो कान्हा,
आया तेरे द्वार पे,
नैया तिरा दे मेरी,
डूबी मझधार है।।
नरसी ने पुकारा तो,
भात ले आप पधारे हो,
बिन बीज और पानी,
खेत धन्ना निपजाए हो,
अर्जुन का सारथी बनके,
किया उद्धार है,
नैया तिरा दे मेरी,
डूबी मझधार है।।
भक्तों की खातिर ही,
गोवर्धन उंगली उठाए हो,
प्रहलाद बचाने को,
रूप नरसिंह को धारे हो,
आज ‘गोपाल’ तुझसे,
करता पुकार है,
नैया तिरा दे मेरी,
डूबी मझधार है।।
सांवरे सलोने आजा,
तेरा इंतजार है,
नैया तिरा दे मेरी,
डूबी मझधार है।।
Singer – Bhagwat Ji Suthar
Upload By – Mohan Rajput
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