साँवरे तू छिपा है कहाँ,
श्लोक – सांवरिया जबसे लड़े,
तुझसे अनाड़ी नैन,
रात निगोड़ी ना कटे,
दिन में पड़े ना चैन।
साँवरे साँवरे साँवरे,
साँवरे साँवरे साँवरे,
तू छिपा है कहाँ,
तुझको ढूढ़े यहाँ,
तुझको नैना मेरे,
बाँवरे,
साँवरे साँवरे साँवरे,
साँवरे साँवरे साँवरे।।
दिल दिया हमने तुझे,
ये सोच के,
चार दिन जिंदगी के,
गुजर जायेगे,
इस भरोसे तेरे,
प्राण प्यारे मेरे,
हमने खेला था,
ये दाव रे,
साँवरे साँवरे साँवरे,
साँवरे साँवरे साँवरे।।
कब कहा मैंने तुझे,
बंसी की तरहा,
अपने होठों से कान्हा,
लगा ले मुझे,
एक घुंघरू की बना,
अपनी पैजनिया का,
चुमू हर पल तेरे पाँव रे,
साँवरे साँवरे साँवरे,
साँवरे साँवरे साँवरे।।
माना राधा जैसी हस्ती,
मेरी नहीं,
सत्यभामा जैसी शक्ति,
मेरी नहीं,
मैं गवारिन सहीं,
एक भिखारिन सहीं,
कर चुकी दिल ये,
तेरे नाम रे,
साँवरे साँवरे साँवरे,
साँवरे साँवरे साँवरे।।
साँवरे साँवरे साँवरे,
साँवरे साँवरे साँवरे,
तू छिपा है कहाँ,
तुझको ढूढ़े यहाँ,
तुझको नैना मेरे,
बाँवरे,
साँवरे साँवरे साँवरे,
साँवरे साँवरे साँवरे।।
स्वर – विरेंदर सांवरा