साँवरीयो मनड़ो भा ग्यो जी,
थारो देख के यो न्यारो श्रृंगार,
थारा पे मनड़ो आ ग्यो जी।।
तर्ज – घुंघटीयो आड़े आ ग्यो जी।
म्हने प्यारो म्हने प्यारो,
म्हने प्यारो,
रूपड़ो भा ग्यो जी,
कर लेवा जी भर मनुहार,
साँवरीयो मनड़े भा ग्यो जी।।
नज़र ना नज़र ना,
नज़र ना
थाने लागे जी,
लूण राई श्याम देवा आज वार
साँवरीयो मनड़े भा ग्यो जी।।
या जीवड़ो या जीवड़ो,
या जीवड़ो,
म्हारो केहवे जी,
थाने देखा श्याम अईया लगातार,
साँवरीयो मनड़े भा ग्यो जी।।
ना जावे ना जावे,
ना जावे,
‘सन्नी’ वापस जी,
ना जावे ‘शर्मा’ वापस जी,
अब छोड़ के यो थारो दरबार,
साँवरीयो मनड़े भा ग्यो जी।।
साँवरीयो मनड़ो भा ग्यो जी,
थारो देख के यो न्यारो श्रृंगार,
थारा पे मनड़ो आ ग्यो जी।।
स्वर – सन्नी धवन।