सिर पे दोनों हाथ फेर दे,
तेरा के घट जावेगा,
तेरा कुछ ना बिगड़ेगा,
तेरा कुछ ना बिगड़ेगा,
तेरा टाबरिया तीर जावेगा,
सर पे दोनों हाथ फेर दे,
तेरा के घट जावेगा।।
तर्ज – नगरी नगरी द्वारे द्वारे।
कद से द्वार खड़्या हां थारे,
म्हारी ओर निहारो जी,
म्हारी ओर निहारो जी,
कोई नहीं है संगी साथी,
थारो एक सहारो जी,
श्री चरणा की सेवा दे द्यो,
श्री चरणा की सेवा दे द्यो,
भवसागर तीर जावेगा,
सर पे दोनों हाथ फेर दे,
तेरा के घट जावेगा।।
‘शुभम रूपम’ की इतनी अर्जी,
भूल थे मत ना जाज्यो जी,
जद भी कोई आफत आवे,
दौड़या दौड़या आजो जी,
एक नज़र म्हारे पे कर द्यो,
एक नज़र म्हारे पे कर द्यो,
जनम जनम गुण गावांगा,
सर पे दोनों हाथ फेर दे,
तेरा के घट जावेगा।।
सिर पे दोनों हाथ फेर दे,
तेरा के घट जावेगा,
तेरा कुछ ना बिगड़ेगा,
तेरा कुछ ना बिगड़ेगा,
तेरा टाबरिया तीर जावेगा,
सर पे दोनों हाथ फेर दे,
तेरा के घट जावेगा।।
Singer – Shubham Rupam