सर पे मटकीया दो दो धरी,
अरे सर पे मटुकीया दो दो धरी,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया।।
संग सहलनी उनके संग में,
उनके संग में रे उनके संग में,
राह में मिल गय कृष्ण मुरारी,
क्या चाल चले मतवाली,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया,
क्या चाल चले मतवाली।।
कंकर मारे जो मटकी रे फोड़े,
नरम कलैया हमारी मरोड़े,
लूट लूट दहिया खाये बिहारी,
क्या चाल चले मतवाली,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया,
क्या चाल चले मतवाली।।
उंगली पकड़ मेरी बहियां मरोड़े,
बहियां मरोड़े रे बहियां मरोड़े,
अरे ले गयो चीर हमारी,
क्या चाल चले मतवाली,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया,
क्या चाल चले मतवाली।।
सर पे मटकीया दो दो धरी,
अरे सर पे मटुकीया दो दो धरी,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया।।
प्रेषक – अमन पंवार।
9098288150
बहुत अच्छा भजन मजा आ गया