फागण का मेला आया,
बाबा का हेला आया हो,
सारी दुनिया दीवानी है श्याम की,
छाई सब पे खुमारी इस नाम की।।
तर्ज – मेरा पिया घर आया।
चली मस्त हवा पुरवाई,
ये रंग बसंती लाई,
रुत श्याम मिलन की आई,
खुशियाँ ही खुशियाँ छाई,
ढोल नगाड़े बाजे,
सेवक के सागे सागे,
श्याम भी आके नाचे हो,
सारी दुनियाँ दीवानी है श्याम की,
छाई सब पे खुमारी इस नाम की।।
रंग लाल गुलाल उड़ाएं,
जमकर हुड़दंग मचाएं,
सब श्याम रंग में मिल के,
हम एक रंग हो जाएं,
जिसको ये रंग चढ़ जाता,
दीवाना वो हो जाता,
झूम झूम के जाता वो,
सारी दुनियाँ दीवानी है श्याम की,
छाई सब पे खुमारी इस नाम की।।
दरबार बड़ा ये आला,
सारे जग से है निराला,
सब की ही आस पुराए,
मेरा बाबा खाटू वाला,
अन्न धन से भरे भंडारे,
दुखिया जो आये पुकारे,
करता ये वारे न्यारे हो,
सारी दुनियाँ दीवानी है श्याम की,
छाई सब पे खुमारी इस नाम की।।
फागण का मेला आया,
बाबा का हेला आया हो,
सारी दुनिया दीवानी है श्याम की,
छाई सब पे खुमारी इस नाम की।।
स्वर – गिन्नी कौर जी।