सतगुरु आया मारे रिद्धि सिद्धि लाया,
दोहा – सतगुरु मेरा बाणीया,
ओर बीणज करें ब्यापार,
बीना डांडी बीन ताकड़ी,
गुरू तोल दीयो संसार।
सतगुरु आया मारे रिद्धि सिद्धि लाया,
ऐ मारा भरया भंडारा रेसी,
ओ माने शन्त मील्या उपदेशी,
सतगुरु आया मारे रिद्धि सिद्धि लाया।।
खीर खांड रा अम्रत भोजन,
ओ मारा सतगुरु कलेवा करंसी,
ओ माने शन्त मील्या उपदेशी,
सतगुरु आया मारे रिद्धि सिद्धि लाया।।
ईणर काया में संता अमरत कुओ,
ऐ मारा सतगुरु हीलोला लेशी,
ओ माने शन्त मील्या उपदेशी,
सतगुरु आया मारे रिद्धि सिद्धि लाया।।
कोयल जेसो रंग कागा को,
ओ इण कागा नै कोयल कुण केशी,
ओ माने शन्त मील्या उपदेशी,
सतगुरु आया मारे रिद्धि सिद्धि लाया।।
सोना जेसो रंग पीतल को,
ओ पीतल ने सोनो कुण केशी,
ओ मानें शन्त मील्या उपदेशी,
सतगुरु आया मारे रिद्धि सिद्धि लाया।।
कहेत कबीरा सुणो भाई संता,
ओ यातो टेक भेक की रहसी,
ओ माने शन्त मील्या उपदेशी,
सतगुरु आया मारे रिद्धि सिद्धि लाया।।
प्रेषक – रतन पुरी गोस्वामी,
सावलीया खेडा,
8290907236