सतगुरू आया पावणा,
परमेश्वर आया पावणा,
आज तो आनंद भयो रे,
मारा सत गुरू आया पावणा।।
हिंगल पाया को ढोलीयो,
रेशम का बिछावणा,
जीन पे राजा राम बीराजे,
पंछी पाव दबावणा।
सतगुरू आया पावना,
परमेश्वर आया पावणा,
आज तो आनंद भयो रे,
मारा सत गुरू आया पावणा।।
चावल बणावु उजला,
ऊपर घिरत गलावणा,
खीर खांड का अमरत भोजन,
सन्ता ने जीमावणा।
सतगुरू आया पावना,
परमेश्वर आया पावणा,
आज तो आनंद भयो रे,
मारा सत गुरू आया पावणा।।
मथुरा जी मे कंश मारियो,
गढ लंका मे रावणा,
वावन रूप धरीयो मेरे दाता,
बली द्वारे जावणा।
सतगुरू आया पावना,
परमेश्वर आया पावणा,
आज तो आनंद भयो रे,
मारा सत गुरू आया पावणा।।
अडसट तीर्थ गुरु जी के चरणे,
गंगा जी मे नावणा,
बाई मीरा ने मोहन मीलया,
हरी चरणा गुण गावणा।
सतगुरू आया पावना,
परमेश्वर आया पावणा,
आज तो आनंद भयो रे,
मारा सत गुरू आया पावणा।।
सतगुरू आया पावणा,
परमेश्वर आया पावणा,
आज तो आनंद भयो रे,
मारा सत गुरू आया पावणा।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – रतन पुरी गोस्वामी,
सावलीया खेड़ा, 8290907236
बहुत ही अनमोल भजन संग्रह है! तारीफे काबिल है!
Muje bhi bhajan ache lagte he