सतगुरु ज्ञान दीयो किरपा कर,
धीन गुरू ज्ञान दीयो किरपा कर,
समझ समर्थी रहना हा,
जगत भगत रा मार्ग जुदा,
जगत भगत रा मार्ग जुदा,
नही लेना नही देना रे संतो,
जुग से न्यारा रहना ए हा,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
नही किसी को कहना रे संतों,
जग से न्यारा रहना।।
कोई केवे बाबो है पटवादी,
कोई केवे बाबो है पटवादी,
कोई केवे गम लेना हा,
कोई केवे ओ पाखंड करता,
कोई केवे ओ पाखंड करता,
उन मुन धुन मे रहना रे संतो,
जुग से न्यारा रहना ए हा,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
नही किसी को कहना रे संतों,
जग से न्यारा रहना।।
कोई केवे ज्ञानी कोई केवे ध्यानी,
कोई केवे ज्ञानी कोई केवे ध्यानी,
गुरू चरणे चित लेना हा,
कोई केवे वो मोहिनी मंत्र,
कोई केवे वो मोहिनी मंत्र,
गुरू देख मज लेना रे संतो,
जुग से न्यारा रहना ए हा,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
नही किसी को कहना रे संतों,
जग से न्यारा रहना।।
अरे कोई केवे साचा कोई केवे झूठा,
निर्भय निर्भय रहना,
कोई केवे साचा कोई केवे झूठा,
निर्भय निर्भय रहना हा,
अरे कहे हेमनाथ सुनो भई संतो,
कहे हेमनाथ सुनो भई संतो,
सतरी संगत मे रहना रे संतो,
जुग से न्यारा रहना ए हा,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
नही किसी को कहना रे संतों,
जग से न्यारा रहना।।
सतगुरु ज्ञान दीयो किरपा कर,
धीन गुरू ज्ञान दीयो किरपा कर,
समझ समर्थी रहना हा,
जगत भगत रा मार्ग जुदा,
जगत भगत रा मार्ग जुदा,
नही लेना नही देना रे संतो,
जुग से न्यारा रहना ए हा,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
सब जग झूठ सायब एक सच्च है,
नही किसी को कहना रे संतों,
जग से न्यारा रहना।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818